प्राकृतिकवाद (Naturalism) और शिक्षा
1. प्राकृतिकवाद की तत्व मीमांसा (Metaphysics of Naturalism)प्राकृतिकवाद की तत्व मीमांसा के अनुसार वास्तविकता केवल भौतिक प्रकृति है। यह ईश्वर, आत्मा या परलोक को नहीं मानता। मनुष्य भी प्रकृति का एक भाग है और उसी के नियमों के अधीन है। सब कुछ वैज्ञानिक नियमों से चलता है।तत्व मीमांसा दर्शन के उस भाग को कहते हैं जो वास्तविकता के स्वरूप की चर्चा करता है।प्राकृतिकवाद की तत्व मीमांसा के अनुसार:
- वास्तविकता केवल भौतिक प्रकृति (Physical Nature) है।
- यह ईश्वर, आत्मा या परलोक को नहीं मानता।
- मनुष्य भी प्रकृति का एक भाग है और उसी के नियमों के अधीन है।
- सब कुछ वैज्ञानिक नियमों से चलता है — चमत्कार या दैवी हस्तक्षेप का कोई स्थान नहीं।
मुख्य विचार: "प्रकृति ही अंतिम सत्य है।"2. ज्ञानमीमांसा (Epistemology of Naturalism)प्राकृतिकवाद के अनुसार ज्ञान का स्रोत इंद्रिय अनुभव (Sense Experience) है। प्रेक्षण, प्रयोग और वैज्ञानिक विधियाँ ही ज्ञान प्राप्त करने के सही साधन हैं। कोई भी ऐसा ज्ञान जो अनुभव या परीक्षण पर आधारित न हो, वह अविश्वसनीय है।ज्ञानमीमांसा यह बताती है कि हम ज्ञान कैसे प्राप्त करते हैं।प्राकृतिकवाद के अनुसार:
- ज्ञान का स्रोत इंद्रिय अनुभव (Sense Experience) है।
- प्रेक्षण (Observation), प्रयोग (Experiment) और वैज्ञानिक विधियाँ ही ज्ञान प्राप्त करने के सही साधन हैं।
- कोई भी ऐसा ज्ञान जो अनुभव या परीक्षण पर आधारित न हो, वह अविश्वसनीय है।
मुख्य सूत्र: "ज्ञान इंद्रियों के माध्यम से आता है, न कि अंतर्ज्ञान या ग्रंथों से।"3. शिक्षा के उद्देश्य (Aims of Education According to Naturalism)
- प्राकृतिकवाद शिक्षा को प्रकृति के नियमों के अनुसार चलाना चाहता है।
- स्वाभाविक विकास (Natural Development): बच्चे का संपूर्ण विकास उसके प्राकृतिक गुणों के अनुसार होना चाहिए।
- व्यक्तित्व विकास (Individual Development): हर बच्चा अद्वितीय है, उसे अपनी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार विकसित होने देना चाहिए।
- जीवन के लिए शिक्षा (Education for Life): शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक जीवन के लिए तैयारी करना है।
- स्वतंत्रता और आत्म-अनुशासन: बच्चा स्वतंत्र वातावरण में सीखता है, जिससे वह आत्म-अनुशासित बनता है।
मूल मंत्र: “बच्चे को प्रकृति के अनुसार बढ़ने दो।”4. शिक्षण प्रक्रिया (Educative Process According to Naturalism)प्राकृतिकवादी शिक्षण प्रक्रिया में अनुभव आधारित शिक्षा, शिक्षक का मार्गदर्शक रूप, बाल-केंद्रित शिक्षा, और प्रकृति के साथ शिक्षण शामिल हैं।प्राकृतिकवादी शिक्षण प्रक्रिया की विशेषताएँ:
- अनुभव आधारित शिक्षा: पुस्तकें नहीं, अनुभव और गतिविधियाँ शिक्षा का आधार हैं।
- शिक्षक एक मार्गदर्शक: शिक्षक बच्चों को निर्देश नहीं देता, बल्कि उन्हें सीखने का अवसर प्रदान करता है।
- बाल-केंद्रित शिक्षा: शिक्षा बच्चे की रुचि, अनुभव और विकास के स्तर पर आधारित होनी चाहिए।
- प्रकृति के साथ शिक्षण: बच्चे को बाहर प्रकृति के बीच सीखने का अवसर मिलना चाहिए।
प्रसिद्ध उदाहरण: रुसे ने कहा — “बच्चा स्वयं सबसे अच्छा शिक्षक है।”5. शिक्षा में स्वतंत्रता और अनुशासन (Freedom and Discipline in Education)स्वतंत्रता:
- बच्चा स्वाभाविक रूप से सीखना चाहता है, उसे खुला वातावरण मिलना चाहिए।
- प्राकृतिकवाद मानता है कि बच्चा स्वाभाविक रूप से सीखना चाहता है।
- उसे जबरदस्ती न पढ़ाया जाए, उसे खुला वातावरण मिले जहाँ वह स्वतंत्र रूप से सीख सके।
- स्वतंत्रता का अर्थ अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि स्वयं से सीखने की क्षमता है।
अनुशासन:
- बाह्य अनुशासन को नकारा गया है, आंतरिक अनुशासन को प्रोत्साहन मिलता है। बच्चा अपने अनुभवों से सीखता है, न कि सजा से।
- बाह्य अनुशासन (External Discipline) को नकारा गया है।
- आंतरिक अनुशासन (Self-discipline) को प्रोत्साहन मिलता है — यानी बच्चा अपनी गलतियों से सीखता है और स्वयं को नियंत्रित करता है।
- अनुशासन सिखाने के लिए दंड नहीं, बल्कि प्राकृतिक परिणाम (Natural Consequences) पर बल दिया जाता है।
सिद्धांत: “बच्चा अपने अनुभवों से सीखता है, न कि सजा से।”निष्कर्ष (Conclusion)प्राकृतिकवाद एक यथार्थवादी और वैज्ञानिक शिक्षा दर्शन है जो मानता है कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का स्वाभाविक विकास होना चाहिए। शिक्षक एक सहयोगी होता है और स्वतंत्रता व अनुभव से अनुशासन विकसित होता है।
- शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का स्वाभाविक विकास होना चाहिए।
- ज्ञान का स्रोत अनुभव है।
- शिक्षक एक सहयोगी होता है, नियंत्रक नहीं।
- स्वतंत्रता और अनुभव से अनुशासन विकसित होता है।
शैक्षिक पहलू
प्राकृतिकवाद का दृष्टिकोण
मुख्य विशेषताएँ
तत्व मीमांसा(Metaphysics)
प्रकृति ही अंतिम सत्य है
ईश्वर, आत्मा या परलोक को नहीं मानता
ज्ञानमीमांसा (Epistemology)
ज्ञान इंद्रियों से आता है
अनुभव, प्रेक्षण और प्रयोग पर आधारित
शिक्षा के उद्देश्य
स्वाभाविक और सम्पूर्ण विकास
व्यक्तित्व, स्वतंत्रता और व्यावहारिक जीवन की तैयारी
शिक्षण प्रक्रिया
अनुभव आधारित और बाल केंद्रित
शिक्षक मार्गदर्शक, प्रकृति के साथ शिक्षण
स्वतंत्रता
सीखने की स्वतंत्रता
बच्चे को निर्णय और गतिविधियों की स्वतन्त्रता दी जाती है
अनुशासन
आंतरिक अनुशासन
प्राकृतिक परिणामों से अनुशासन सीखा जाता है, दंड नहीं दिया जाता
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