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शुक्रवार, 24 मई 2024

दयानंद दर्शन

 
    दयानंद दर्शन का अर्थ होता है "दया की दृष्टि"। यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सामाजिक आंदोलन का हिस्सा था, जो 19वीं शताब्दी के मध्य में भारतीय समाज में उत्थित हुआ।
    दयानंद सरस्वती, जिनका असली नाम मूलशंकर था, इस आंदोलन के प्रमुख नेता थे। उन्होंने भारतीय समाज को धार्मिक और सामाजिक सुधार के लिए प्रेरित किया। उनके द्वारा उजागर किए गए विचारों में वेदों का महत्व, एकता, स्वावलम्बन, और धर्म के साथ शिक्षा का महत्व शामिल है।
    दयानंद दर्शन का मुख्य उद्देश्य था भारतीय समाज को वेदों की शिक्षाओं और विचारधारा के प्रति पुनः प्रेरित करना। उन्होंने वेदों को सर्वोत्तम धर्मग्रंथ माना और उनका पुनरावलोकन किया। उनके द्वारा स्थापित आर्य समाज, जो समाज के सुधार और वेदों के प्रमाण की पुनर्जागरण के लिए काम करता था, उसने बाद में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1. दयानंद सरस्वती का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: गुजरात, भारत
2. दयानंद सरस्वती ने किस वर्ष आर्य समाज की स्थापना की थी?
उत्तर: 1875
3. दयानंद सरस्वती का विचार 'वेदों को अपनाओ, अध्ययन करो और प्रचार करो' किसे कहा जाता है?
उत्तर: ग्राम स्वराज्य
4. दयानंद सरस्वती किस शिक्षा को प्राथमिक मानते थे?
उत्तर: वेद
5. दयानंद सरस्वती के अनुसार, शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: व्यक्ति के अन्तःकरण का उन्नति करना
6. दयानंद सरस्वती किस विचारधारा के प्रति प्रतिष्ठित थे?
उत्तर: अध्यात्मवाद
7. दयानंद सरस्वती के अनुसार, विद्यार्थी को किसे अपना आदर्श मानना चाहिए?
उत्तर: ऋषि
8. दयानंद सरस्वती का मानना था कि शिक्षा किसे देनी चाहिए?
उत्तर: विद्यार्थी को सर्वत्र और सर्व समय
9. दयानंद सरस्वती के अनुसार, शिक्षा का मुख्य ध्येय क्या होना चाहिए?
उत्तर: मनुष्य के उत्थान की दिशा में
10. दयानंद सरस्वती की शिक्षा विचारधारा को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: आदर्शवाद
11. दयानंद सरस्वती की शिक्षा विचारधारा के अनुसार, शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
उत्तर: मानव समाज का सुधार
12. दयानंद सरस्वती का मानना था कि शिक्षा किसे समर्पित होनी चाहिए?
उत्तर: देश और समाज
13. दयानंद सरस्वती के अनुसार, शिक्षा का प्रमुख साधन क्या है?
उत्तर: गुरु और वेद
14. दयानंद सरस्वती का मानना था कि विद्यार्थी को किस विषय का अध्ययन करना चाहिए?
उत्तर: वेद
15. दयानंद सरस्वती के अनुसार, शिक्षा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: मानव समाज का सुधार
16. दयानंद सरस्वती के शिक्षा दर्शन में, मुख्य ध्येय क्या है?
उत्तर: ऋषि जीवन की आदर्श मीमांसा, समाज के सुधार का प्रमुख उद्देश्य, या धर्म की प्रचार-प्रसार।
17. दयानंद सरस्वती के शिक्षा दर्शन में, शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
उत्तर: विद्यार्थी के व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास, वेदों की शिक्षा और प्रचार, या समाज के सुधार के लिए ज्ञान प्रदान।
18. दयानंद सरस्वती के अनुसार, शिक्षा का महत्व क्या है?
उत्तर: समाज के उत्थान और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण, अज्ञान का नाश, या विज्ञान और धर्म की संतुलित शिक्षा।
19. दयानंद सरस्वती के शिक्षा दर्शन में, शिक्षा के लिए सही साधन क्या है?
उत्तर: गुरु, वेद, और संबंधित शास्त्रों का आधारभूत अध्ययन, स्वयं का अध्ययन, या समाजिक संरचनाओं का सुधार।
20. दयानंद सरस्वती के शिक्षा दर्शन में, विद्यार्थी को किसे आदर्श माना जाता है?
उत्तर: ऋषि, योगी, या धर्मगुरु।
21. दयानंद सरस्वती के अनुसार, शिक्षा के लिए सही उद्देश्य क्या होना चाहिए?
उत्तर: विज्ञान, धर्म, और समाज सेवा का प्रचार, आदर्श मानवता का विकास, या सामाजिक और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रसार।
22. दयानंद सरस्वती के शिक्षा दर्शन में, विद्यार्थी का विकास किस प्रकार होना चाहिए?
उत्तर: वेदों के आधारित ज्ञान, स्वाध्याय और सामाजिक न्याय के प्रति समर्पित शिक्षा, आत्मनिर्भरता और नैतिक उन्नति, या व्यावसायिक और तकनीकी योग्यता का प्राप्ति।
23. दयानंद सरस्वती के शिक्षा दर्शन में, समाज के सुधार के लिए कौन-कौन सी कार्यवाही की जानी चाहिए?
उत्तर: शिक्षा के प्रसार, धर्म और संस्कृति के प्रचार, या समाज में समानता और न्याय का स्थापना।
24. दयानंद सरस्वती के अनुसार, शिक्षा के लिए सही उपाय क्या होना चाहिए?
उत्तर: समाज में

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